A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ

बृहस्पतिदेव की कथा

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के Shiv chaisa पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

Youngsters suffering from health problems must be manufactured to either recite or listen to Shiva Chalisa. Mothers and fathers may also recite the Chalisa on their baby’s behalf. Nevertheless, they need to pronounce the child’s comprehensive title, rasi (moon indication), and Nakshatra prior to the Shiva Chalisa.

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

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